Nojoto: Largest Storytelling Platform

Abshar: https://absharuddin.blogspot.com/2019/04/b

Abshar: https://absharuddin.blogspot.com/2019/04/blog-post.html
: हम कन्हैया कुमार को क्यों जीतना देखना चाहते हैं 

लोगों के बहुत सारे सवाल हैं।। 
हमारे बहुत सारे दोस्तों ने वामपंथ की आरएसएस से तुलना की और दलील यह दी के दोनों के स्थापना का वक़्त एक है और दोनों के संस्थापक सदस्य भी ऊंच कोटि के लोग यानी ब्राह्मण वाद के लोग थे 
1 और फिर कहा वामपंथियों ने बंगाल में मुसलमानों का बुरा हाल कर दिया और वहां के लोग अपने वजूद के लिये लड़ रहे हैं 
लेकिन वह एक बात और लिखना भूल गए के 
केरल मात्र एक ऐसा प्रदेश है जहाँ मुसलमानों की सब से अच्छी हालत है 
अगर NCERT कि किताब 6 कक्षा की देखें तो उससे  यह पता चलता है कि औरतों की साक्षरता दूसरे लोगों के समान है 

लेकिन यहां पर हमारा तर्क वामपंथ को किसी तरीके का पक्षधर बनने का नहीं 
बल्कि यह बताने का है कि हर राजनीतिक पार्टी का अवाम के लिये कोई अच्छा स्टैंड नहीं बल्कि सब की अपनी महत्त्वाकांक्षाएं हैं 

1 रही बात बेगूसराय में कन्हैया कुमार का समर्थन करने का तो सब से बड़ी वजह यह है कि गरीब वह  छात्र के लिये मिसाल बन सकते हैं 

क्योंकि जब कोई गरीब छात्र राजनीति में भाग्य आज़माने के लिए सोंचता है तो घर वाले सब से पहले कहते हैं के बेटा राजनीति हमारे लिए नहीं वह पैसों वालों के लिए है 
लेकिन जब कन्हैया जीत जाता है तो गरीब छात्र की उम्मीदें बर लाएंगी और देश को संघर्षिल नेता मिलेगा जो देश हित के लिए काम करेगा 
2 दूसरी बात सब यह कह कर कन्हैया को खिलाफ दुष्ट प्रचार कर रहे हैं के वह मुस्लिम लीडर शिप खा रहा 
लेकिन असल बात यह है के 
कन्हैया कुमार के खिलाफ  RJD ने तनवीर हसन को उतार कर मुस्लिम लीडर शिप बचाई नहीं 
बल्कि बाप कि  विरासत बचाने के प्रयास की है
नहीं तो मधुबनी पर फातमी भी उम्मीदवार थे 
3
अगर तेजस्वी मुस्लिम के इतने खैरख्वा थे तो सिवान से हिना शहाब के खिलाफ उनका गठबंधन अमरनाथ यादव को क्यों खड़ा किया 

3 अली अशरफ फ़ातमी भी अलीगढ़ से तालीम याफ़्ता हैं 
 फ़ातमी को टिकट न मिलने पर  क्या अलीग बरादरी  राजद का विरोध करेगी?? 

दोस्तों यह सब गोल माल है क्योंकि 
हम जज़्बती कौम्ं है आये दिन कोई ना कोई अपने फायदे            के लिये हमारे जज्बातो से खेलता है और आज भी खेला जा रहा है वरना सोचो अली अनवर साहब जो संसद रह चुके है उनको चुनाव नही लड़ाया और बेगुसराय मे मुसलिम representation को लेकर जंग छेड़ रखी है जबकी तनवीर  संसद कभी नही रहे है ।

बल्कि मामला कुछ है तेजस्वी को यह डर सताने लगा है कि कहीं कन्हैया कुमार उसके बराबर में न खड़ा हो जाये और उसके सोने की चम्मच उससे से छिन जाए

Md Absharuddin.
MANUU NUH  
8564032934
Abshar: https://absharuddin.blogspot.com/2019/04/blog-post.html
: हम कन्हैया कुमार को क्यों जीतना देखना चाहते हैं 

लोगों के बहुत सारे सवाल हैं।। 
हमारे बहुत सारे दोस्तों ने वामपंथ की आरएसएस से तुलना की और दलील यह दी के दोनों के स्थापना का वक़्त एक है और दोनों के संस्थापक सदस्य भी ऊंच कोटि के लोग यानी ब्राह्मण वाद के लोग थे 
1 और फिर कहा वामपंथियों ने बंगाल में मुसलमानों का बुरा हाल कर दिया और वहां के लोग अपने वजूद के लिये लड़ रहे हैं 
लेकिन वह एक बात और लिखना भूल गए के 
केरल मात्र एक ऐसा प्रदेश है जहाँ मुसलमानों की सब से अच्छी हालत है 
अगर NCERT कि किताब 6 कक्षा की देखें तो उससे  यह पता चलता है कि औरतों की साक्षरता दूसरे लोगों के समान है 

लेकिन यहां पर हमारा तर्क वामपंथ को किसी तरीके का पक्षधर बनने का नहीं 
बल्कि यह बताने का है कि हर राजनीतिक पार्टी का अवाम के लिये कोई अच्छा स्टैंड नहीं बल्कि सब की अपनी महत्त्वाकांक्षाएं हैं 

1 रही बात बेगूसराय में कन्हैया कुमार का समर्थन करने का तो सब से बड़ी वजह यह है कि गरीब वह  छात्र के लिये मिसाल बन सकते हैं 

क्योंकि जब कोई गरीब छात्र राजनीति में भाग्य आज़माने के लिए सोंचता है तो घर वाले सब से पहले कहते हैं के बेटा राजनीति हमारे लिए नहीं वह पैसों वालों के लिए है 
लेकिन जब कन्हैया जीत जाता है तो गरीब छात्र की उम्मीदें बर लाएंगी और देश को संघर्षिल नेता मिलेगा जो देश हित के लिए काम करेगा 
2 दूसरी बात सब यह कह कर कन्हैया को खिलाफ दुष्ट प्रचार कर रहे हैं के वह मुस्लिम लीडर शिप खा रहा 
लेकिन असल बात यह है के 
कन्हैया कुमार के खिलाफ  RJD ने तनवीर हसन को उतार कर मुस्लिम लीडर शिप बचाई नहीं 
बल्कि बाप कि  विरासत बचाने के प्रयास की है
नहीं तो मधुबनी पर फातमी भी उम्मीदवार थे 
3
अगर तेजस्वी मुस्लिम के इतने खैरख्वा थे तो सिवान से हिना शहाब के खिलाफ उनका गठबंधन अमरनाथ यादव को क्यों खड़ा किया 

3 अली अशरफ फ़ातमी भी अलीगढ़ से तालीम याफ़्ता हैं 
 फ़ातमी को टिकट न मिलने पर  क्या अलीग बरादरी  राजद का विरोध करेगी?? 

दोस्तों यह सब गोल माल है क्योंकि 
हम जज़्बती कौम्ं है आये दिन कोई ना कोई अपने फायदे            के लिये हमारे जज्बातो से खेलता है और आज भी खेला जा रहा है वरना सोचो अली अनवर साहब जो संसद रह चुके है उनको चुनाव नही लड़ाया और बेगुसराय मे मुसलिम representation को लेकर जंग छेड़ रखी है जबकी तनवीर  संसद कभी नही रहे है ।

बल्कि मामला कुछ है तेजस्वी को यह डर सताने लगा है कि कहीं कन्हैया कुमार उसके बराबर में न खड़ा हो जाये और उसके सोने की चम्मच उससे से छिन जाए

Md Absharuddin.
MANUU NUH  
8564032934
absharuddin4014

Abshar Uddin

New Creator