मुझको तन्हाई अब सताती है वक्त बे वक्त तुम्हारी याद आती है। कितनी तस्सली थी जब मैं तुम्हारे साथ थी अब इक पल की भी दूरी सही नहीं जाती है। क्यों तड़पाती है तुम्हारी याद मुझे अब मुझको कहीं और ज़िन्दगी नज़र नहीं आती है। लौट आओ अब तन्हाई कटती नहीं है बिन तुम्हारे सांसें अब चलती नहीं हैं। #अनूप_बसर ✍️ #alone #girl #love #sad #life #poetry #wait