पटरी पर लाने को ये ज़िंदगी रहना पड़ता है घर से दूर कमाना पड़ता है और संतोषी बनना पड़ता है आधे पेट खाने में ताकि दे सके बच्चों को बीवी को दो वक्त रोटी दूर छूटे गाँव में और हो सके गुजारा बेपटरी की जिंदगी का पर ये तो सर्वथा सिद्ध है शायद इस मानव निर्मित पटरी पर नहीं पड़ती जरूरत उस दो वक्त वाली रोटी की।। #aurangabadcase #Patri #labourerlife