" ना तो फूलों को ,खिलकर, ना पक्षियों को, उड़कर, ना बादलों को बरस कर, ना पर्वतों को ,सरककर, ना हवाओं को,चलकर, ना शज़र को ,चुप रहकर, ना मौसमों को,बदलकर, ना सूरज को चमककर, ना चंद्रमा को , निकलकर, ना धरती को, उपजकर, होता नहीं गुमां,और किसी को, बस एक इंसान को छोड़कर "... - Author Vivek Sharma #insaan #yqbaaba #life #thoughts #randomthoughts #yqquotes #yqtales #gumaan