बातें सुनकर तुम्हें भी होगी बहुत हैरानी, देखो समंदर मांग रहा मेरी आँख से पानी // आधे अधूरे से तो हो अब तुम पास मेरे, छोड़ो न क्यूँ कर रहे हो इतनी मेहरबानी // तुम्हारे बिना जिंदगी अधूरी ख्वाब अधूरे, भूल जाओ बातें सब हो गई अब पुरानी // राधा कृष्ण के प्रेम के चर्चे सुने हैं हमने, अरे मीरा भी तो थी मोहन की दीवानी // मुहब्बत है अगर तो एक दायरे में रहो, हर जगह नहीं चलेगी तुम्हारी मनमानी // इश्क तो मुक़्क़मल होने से रहा अपना, चलो मिलकर करते हैं खत्म ये कहानी // ©श्वेता मिश्रा "शुभी"गोरखपुरी #mypoetrmyvoice