मेरा जीवन घूँघरू की तरह, जो महफिलों की शान है, रहता सदा पैरों में, पर मेरे अपने भी कुछ अरमान हैं, जब मैं महफिलों में सजता हूँ, बस बजता ही रहता हूँ, टूटकर बिखर जाना, यही मेरी नियति यही पहचान है। कभी कलाईयों में तो, कभी पाँव में सजाया जाता हूँ, मेरी चाहत की फ़िक्र नहीं, फिर भी बजाया जाता हूँ, मुझको तोड़ना कभी जोड़ना, सरे बाज़ार लूट जाता हूँ, आशिकों की मानिंद भरे महफ़िल में, रूसवा हो जाता हूँ। मेरा अस्तित्व नगण्य, जब मैं टूट कर बिखर जाता हूँ, मेरी औकात नज़र आती है, जब पैरों तले कुचला जाता हूँ, नज़र अंदाज़ सब करते, मैं हेय दृष्टि से देखा जाता हूँ, घूँघरू की तरह मेरा जीवन, बस घूँघरू ही कहलाता हूँ। #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #ghungrookitarah #ghunghroo 📀Time limit till 11:59 pm tommorow... 📀No word limit 📀You have to maintain these hashtags