सपनों की बारात सजाते रहते हैं हम हर रात। टूट जाता है हर सपना सुबह होने के साथ। जागती है नयी उम्मीदें फिर से लिए नयी आस। पूरी होंगी ख्वाहिशें मिलेगी खुशियों की सौगात। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-83 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।