बार-बार हर्फ़-ए-ग़म पढ़ने से अच्छा, मुझे किसी से बाँट भी लिया करो, ज़रा ये भी सोचो, मैं दर्द हूँ, लिखते-लिखते बढ़ कर कई बार रुलाता हूँ। open for collab🔓 मैंने दो हर्फ़-ए-ग़म क्या लिख दिए, आप तो बुरा मान गए, ज़रा ये भी सोचो, मैं अपना लिखा हुआ कई बार पढ़ता हूँ। #yqdidi #हर्फ़