तु शहर है आबाद सा मैं गाव हुँ बरबाद सा तु पंछी है आजा़द सा मै असीर( कैदी)हुँ नाशाद सा तु नायाब है इंसानियत सी मै हर जगह पे हुँ नफरत़ सा तु पाक है इबाद़त सी मैं का़यम हुँ फितरत सा तु ख़बर है अख़बार की मैं पैगाम हुँ इंतजार का तु चमऩ है नौबहार की मैंं जाम हुँ खुमार(नशा) का तु आगा़ज है जन्नत की मैं अधुरा हुँ मन्नत सा तु चुस्त है हिरण सी मैं तप्त हुँ किरण सा तु इज़्हा़र है मोहब्बत का मैं इन्तजा़र हुँ जमा़नत का तु है सबकुछ उस शख़्स की जो बदन है तेरे नफ़्स(आत्मा) का.. तु आतिश है तु उबाल है तु जोश है तु जुनुन है तु ग़जल तु अल्फाज है तु ज़िगर तु नब़्ज है तु अफ़साना है तु परवाना है तु महल का आशियाना है तु आफ़त है तु कयाम़त है तु चमक है तु म़हक है तु शराब तु जाम है तु मेरा काम मेरा नाम है तु मेरा ताज और वजिर है तेरे जैसा कोई नही क्युंकि तु बे नजी़र है ©Avinash Bhingardive #unpluggedpoetry #unpluggedemusic #Love #Pyar #ishaq # #Broken #mohabbat #nojato #Poet #Poetry