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आइना सामने रखोगे तो याद आऊँगा अपनी ज़ुल्फ़ों को स

आइना सामने रखोगे तो याद आऊँगा 
अपनी ज़ुल्फ़ों को सँवारोगे तो याद आऊँगा 

रंग कैसा हो ये सोचोगे तो याद आऊँगा 
जब नया सूट ख़रीदोगे तो याद आऊँगा 

भूल जाना मुझे आसान नहीं है इतना 
जब मुझे भूलना चाहोगे तो याद आऊँगा 
 
एक दिन भीगे थे बरसात में हम तुम दोनों 
अब जो बरसात में भीगोगे तो याद आऊँगा 

चाँदनी रात में फूलों की सुहानी रुत में 
जब कभी सैर को निकलोगे तो याद आऊँगा 

जिन में मिल जाते थे हम तुम कभी आते जाते 
जब भी उन गलियों से गुज़रोगे तो याद आऊँगा 

याद आऊँगा उदासी की जो रुत आएगी 
जब कोई जश्न मनाओगे तो याद आऊँगा 

~राजेन्द्र नाथ रहबर #FamousShayar #Memory #Yaad #Mohabatt
आइना सामने रखोगे तो याद आऊँगा 
अपनी ज़ुल्फ़ों को सँवारोगे तो याद आऊँगा 

रंग कैसा हो ये सोचोगे तो याद आऊँगा 
जब नया सूट ख़रीदोगे तो याद आऊँगा 

भूल जाना मुझे आसान नहीं है इतना 
जब मुझे भूलना चाहोगे तो याद आऊँगा 
 
एक दिन भीगे थे बरसात में हम तुम दोनों 
अब जो बरसात में भीगोगे तो याद आऊँगा 

चाँदनी रात में फूलों की सुहानी रुत में 
जब कभी सैर को निकलोगे तो याद आऊँगा 

जिन में मिल जाते थे हम तुम कभी आते जाते 
जब भी उन गलियों से गुज़रोगे तो याद आऊँगा 

याद आऊँगा उदासी की जो रुत आएगी 
जब कोई जश्न मनाओगे तो याद आऊँगा 

~राजेन्द्र नाथ रहबर #FamousShayar #Memory #Yaad #Mohabatt