प्रभुता की दौड़ में, तू हार को प्रारस्थ कर उपभोक्ता की चाह में, तू जीत को सुनिश्चित कर.... विडम्बनाओं की ढेर में, तू खोल चच्छु बिम्ब को अवधारणाओ की फेर में, तू सत्य को प्रतिबिम्ब कर.... नश्वरता की उलझनो में, तू कर्म पथ निर्माण कर अमरता की सुलझनो में, तू स्वपन को साकार कर.... #अमरता vs नश्वरता....