गांधी जी इन्सान तो बहुत बढ़िया थे बढ़िया थे, हैं और रहेंगें। आजकल लोग उन्हें त्याग के लिए नहीं केवल फायदे के लिए पढ़ते हैं और पढ़ते रहेंगें। मैने तो रातें काली की हैं तब जाके दिन गढ़ा है, लोग कब तक ए सी में बैठकर जलते सूरज की व्याख्या करते रहेंगें। वन्यजीवन संरक्षण अधिनियम कश्मीर के बार्डर पर लागू न करो, ऐसे तो पार के जंगल से जन्नत में घुसते हैं घुसते रहेंगें। दूसरा गाल थप्पड़ मार मार कर सुजा दिया गया है, और शिक्षा पद्धति में और औरंगजेब पढ़ाइये पढ़ते रहेंगें। मेरे ज़हन में ज़हर घुल रहा है गोलियां तो खानी पड़ेंगी, कमसेकम तीन-२ गोली की खुराक दुश्मन को भी टिकाइए वरना मरते रहेंगें। #NojotoQuote