कहा था मत काटो इन पेड़-पौधो को मत फैलाओ इस पानी को अब हम तडपे पाई-पाई पानी की बूँदो को अब हम तडपे अच्छी साँस लेने को। ना बचे यह पेड़ कही ना बची हरियाली कही ना बचा पानी कही ना बची पानी की बूंद कही। अब भी काटते है बचे पेड़ो को कहकर नया देश बनाएंगे फिर मत कहना हवा अच्छी है बहार के देशों की। अब भी फैलाते है पानी नाम पे साफ-सफाई के फिर मत कहना पानी बहुत है बाहर के देशो मे। अपने देश को सुंदर बनाना है हम लोगो का फर्ज है आओ करे संकल्प यही ना फैलाओ पानी कही ओर पेड़-पौधे लगाए हर कही। हमारा पर्यावरण 🌿💧