वैसे बातों में वो कोई बातें नही थीं पर बातों के उन नग़मों से मुझे मोहब्बत हो गयी चलो खामोशी ही तो थी जो तुमसे रूबरू होती थी पर अब इस खामोशी से मुझे मोहब्बत हो गयी झीलों का पानी तो ठंडा ही था बस धूप का ही कुसूर था पर अब इन झीलों से मुझे मोहब्बत हो गयी अब घंटों का सफर उस एक मुस्कान में सिमटा था जैसे सागर शायद नदियों की तरफ बिखरा था पर अब उस मुस्कान से मुझे मोहब्बत हो गयी उन अबसारों के आइने में बस खुद की तलाश रहती थी पर उन अबसारों के राज से मुझे मोहब्बत हो गयी उनकी खाशियत ए आम ही थी पर उस शख्शियत से मुझे मोहब्बत हो गयी अबसार=आँखें मुझे मोहब्बत हो गयी