" काश कि कहीं तेरी मौजूदगी का कुछ पता तो चले , वेशबर एहसासो को कहीं से तेरा मिलना हो जाये , रास आये कुछ ज़िन्दगी इस तरह कि इस खामोशी में , हम रहे इस आरज़ू में तेरी बेज़ारीयो का कुछ पता तो चले." --- रबिन्द्र राम " काश कि कहीं तेरी मौजूदगी का कुछ पता तो चले , वेशबर एहसासो को कहीं से तेरा मिलना हो जाये , रास आये कुछ ज़िन्दगी इस तरह कि इस खामोशी में , हम रहे इस आरज़ू में तेरी बेज़ारीयो का कुछ पता तो चले." --- रबिन्द्र राम #मौजूदगी