अब तो नेता से नेता नहीं, जनता से नेता बनायी जाए। धरना जनता ही करते हैं, दिक्कतें भी खुद ही सहते हैं। कहते हल निकाले नेता ही, तो नेता सत्ता से क्यों नहीं लड़ते है। सदा कटघरे में लाते जनता को, आदते नेताओं की देखी जाए। इनके साँठगाँठ रहते लुटेरों से, अब तो हमें इंसाफ दिलाई जाए। हर एक हिसाब नेता रखें, फिर जनता को बतलाई जाए। क्रूरता नेताओं की नहीं चलेगी, भ्रष्ट नेतायें तो अब बदली जाए। बकरे न बनेगी जनता अब, अपनी राय तो बतायी जाए। अब तो नेता से नेता नहीं, जनता से नेता बनायी जाए। #Leadership #public #election #cruption