'ख़ामोशी- एक आवाज़' ख़ामोशी बोलती है, सुन-समझने वाला कोई नहीं, तन्हाई देने वाले बहुत उसे बाँटने वाला कोई नहीं। 'कोई बात नहीं' में भी कुछ बात सही, बात तो है, भूले बैठे दुनिया हमें जहाँ कहने वाला कोई नहीं। सब-कुछ से कुछ-कुछ कर कोई जा रहा दिल से, वारा सब फिर भी हार के जीतने वाला कोई नहीं। दर्द देने के बाद, सुकून से गुज़ारे ज़िन्दगी अपनी, पिए दर्द के घूँट हमारे ग़म लूटने वाला कोई नहीं। वजह तो सिर्फ एक ही है, ख़ुशी मिलती रहे 'धुन', कर ले कितना भी शृंगार, लुभने वाला कोई नहीं। Rest Zone 'ख़ामोशी- एक आवाज़' #restzone #rztask41 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat # ख़ामोशीएकआवाज़ #rzmph #rzmph196 #शृंगार