मैं कोई शायर नही मैं तो कुछ उलझी कहानियों का राज लिखता हूँ पर सच तो ये है मैं अपनी ही मोहब्बत का साज लिखता हूँ बता दूँ की मेरी मोहब्बत वो है जो उजालो को शाम कहती है आशिको मेरी मोहब्बत तो वो भी है जो टूटी बोतल की छलकती जाम कहती है तू नही समझ पाया शायद मेरी हर एक जुबां मेरी बिखरती कहानियों का राज कहती है चलो थोड़ा उसके ऐतबार का पर्दाफाश करता हु पर डरता हूँ थोड़ा क्योकि मैं अपनी सच्ची मोहब्बत से आज भी सच्चा प्यार करता हूं मैंने बताया न मैं हमेशा उलझी कहानी का राज लिखता हूं गुलशन के नूरों ने "मोहब्बत" इक ऐसा नाम दिया है जिसने आशिको की आशिक़ी को हमेशा इक नया मुकाम दिया है कुछ तो मोहब्बत को मोहब्बत से मोहब्बत की भाषा मे मोहब्बत कर जाते है और कुछ तो मोहब्बत में मोहब्बत की नुमाईश पर मोहब्बत से मर जाते है तेरा दीदार काफी है आशिक़ी का रंग भरने में तेरा वो प्यार काफी है मोहब्बत की जंग लड़ने में सिमटजाऊ मैं तेरी उस झीली सी सरोवर में तेरी एक नजर ही काफी है मेरे बेमौत मरने में तूने की है मोहब्बत झूठी उन नाजुक लाल कलियों से तूने खेली है होली झूठी रंगरलियों से किया सर्वत्र कपट तूने मोहब्बत की पवित्र रहो में जहा तकती रही तेरी मोहब्बत तेरी राह सदियो से तुझे गर जिस्म की चाहत है तो मोहब्बत बदनाम क्यो करते हो सिर्फ अपने नाम के खातिर तुम मयखाने जाने से डरते हो इज्जत तो उस कली कि भी है जो काटों से फूल बनती है तुभी सोया है सिर रखकर उसी दामन में जो आगे चलकर तेरे ही सिरहाने का सुकून बनती है #Dkmishra