एक . . . "मौन पत्र" -Anjali Rai (अनुशीर्षक में .....) प्रतीक्षा में श्रापित देह और प्रति पल शीर्ण होते अंतर्मन से लिखें हैं कई पत्र तुम्हें मैंने प्रतिउत्तर में मिले "मौन" को स्वीकार्य किया है इसलिए क्यूंकि "तुम मेरे ईश्वर हो" "प्रेम हो तुम"