वो नही है मेरा मगर उस से मोहब्त है तो है ये अगर रश्मो रिवाज़ों से बगावत है तो है सच को मैंने सच कहा है जब केह दिया तो केह दिया अब ये ज़माने की नज़र में हिमाक़त है तो है फक़त मैं ही नही जानता बेशक़ सारा ज़माना जानता है एक दिन रूह परवाज़ होना है तो है कियु तुम्हे नही मालूम? F_____M Soumya Jain