दौड़ती भागती ज़िन्दगी रह गयी बेकली रहनी थी बेकली रह गयी लोग रिश्ते सभी तोड़ कर चल दिए मेरी आँखों में बहती न।दी रह गयी चाहतों पर करूँ और क्या तबसरा हसरतें मर गईं , तिश्नगी रह गयी मेरी आवाज़ उनतक न पहुँची कभी बात मेरी सुनी अनसुनी रह गयी चंद मिन्टों में ही जल गए घर के घर आग तो बुझ गयी, दुश्मनी रह गयी सुब्ह होते ही सूरज कहीं छिप गया सामने फिर वही तीरगी रह गयी वक़्त ने ऐसे तेवर दिखाए उसे शान-ओ-शौकत धरी की धरी रह गयी मुल्क़ में ख़ूब 'हिमकर' तरक्की हुई बेकसी, बेबसी, मुफ़लिसी रह गयी #NojotoQuote