पल्लव की डायरी शब्दो को तराशा, हुनर बढ़ चढ़ कर बोला है एक परिवार नोजोटो ने,छिपी कला को निखारा है घुटते थे शब्द मन में जिनके,आवाज कहीं दब जाती थी वही नोजोटो आज,पहचान सबको दिलाता है मंच सजा है,कोई भी बेझिझक लिख बोल सकता है ना किसी का सेंसर,ना कट होता है दोस्तो की मदद से,बुलन्दी छू सकता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" ना कोई सेंसर,ना कोई कट होता है #nojotaहिन्दी #nojofamily