एक साथ एक साथ हम चले तो क्या खुशी हो एक साथ हम रहें तो जिंदगी हसीं हों हाथों में हो हाथ तो न कोई कमी हो अपना हो आसमां और अपनी यह जमीं हो हम चले साथ तो रास्ते आसान हो एक दूसरे के हम दिल और जाँ हों ग़मों से दूर कहीं अपना जहाँ हो ©Surinder Kumari #WForWriter# Ek Saath