उस कॉम् के लोग जो दस मोहर्रम मे सबीलें लगाने की जगह बैठ कर अदब से खिलाने की जगह|| ऊँची ऊँची छतों से लंगर लुटा रहे हैं और डोल तांसे बजा रहे हैं..! ____________अफ़सोस ____________ उन हुसैन की महोब्बत मे लंगर लूटने वालो की उस दिन सारी नमाज़ कजा हो जातीं हैं..! और दिल मे ये अहद रखे हुए हैं के हुसैन का दामन नही छोडेंगे Tamaam #Mazrat Ali Akbar bin Zulfi...✍ बेहद शर्मनाक अफ़सोस