Listen Me (सुन पगली दिल की बात) सुन पगली कच्चे मकान थे इन्सान के, जहाँ हम घर बनाया करते थे, चीं चीं से अपने होने का एहसास कराया करते थे. कुछ हिस्सा हमारा भी था इनकी ज़िन्दगी मे,ये भी कभी अपने गम हम चिड़ियों को सुनाया करते थे। पलते थे दोनों के बच्चे साथ एक ही छत के नीचे, हम भी इनके बच्चों को लोरियां सुनाया करते थे ये भी हमारे बच्चों को दुनिया से बचाया करते थे। था प्यार मोहब्बत इतना ये भी हमारे दर्द समझ जाया करते थे और हम भी इनके दर्द में चुप हो जाया करते थे. ढूंढते थे इंतज़ार की आंखों से अगर कभी ये ना आया करते थे और कभी हम ना आया करते थे. होता था लिहाज इतना जहां हम घोंसला बनाया करते थे धुएं की आग ये भी ना जलाया करते थे। मरता था कोई दोनों में से किसी की जान का टुकड़ा,चिता आंखों में ये भी जलाया करते थे हम भी जलाया करते थे. आयी एक आँधी दिखावे की हुआ इंसान भी पत्थर और मकान भी पत्थर,बंद कर डाला हमको पिंजरों में हुआ इनका ईमान भी पत्थर. खो जाता हूं कभी में भी उन ज़िन्दा दिल इंसान के खयालों में रोना आ जाता है आजकल के बच्चों के चिड़िया कौन थी के सवालों पे। ye ek चिड़िया दूसरी चिड़िया से अपना दर्द share कर रही है बीते वक़्त का। जिसका title है सुन पगली दिल की बात✍️6.1aman (सुन पगली दिल की बात) सुन पगली कच्चे मकान थे इन्सान के, जहाँ हम घर बनाया करते थे, चीं चीं से अपने होने का एहसास कराया करते थे. कुछ हिस्सा हमारा भी था इनकी ज़िन्दगी मे,ये भी कभी अपने गम हम चिड़ियों को सुनाया करते थे। पलते थे दोनों के बच्चे साथ एक ही छत के नीचे, हम भी इनके बच्चों को लोरियां सुनाया करते थे ये भी हमारे बच्चों को दुनिया से बचाया करते थे। था प्यार मोहब्बत इतना ये भी हमारे दर्द समझ जाया करते थे और हम भी इनके दर्द में चुप हो जाया करते थे. ढूंढते थे इंतज़ार की आंखों से अगर कभी ये ना आया करते थे और कभी हम ना आया करते थे. होता था लिहाज इतना जहां हम घोंसला बनाया करते थे धुएं की आग ये भी ना जलाया करते थे।