[" पत्रकार"] " लांग कर अपनी हर सीमा बता रहे हैं लोगों को उनकी सीमा" " यह लक्ष्मण रेखा उनके लिए भी यह गंदगी कर सकती है अपहरण उनका भी" " क्यों जाते हैं वह हर कोने कोने में क्यों देते हैं वह हर खबर कोने-कोने से" " है उनका भी परिवार जो कहता है, रुक जाओ और पर्दे के पीछे बैठे परिवार को वो कहते हैं, रुक जाओ" " कर रहे हैं वह अपना कर्म निष्ठुर होकर दे रहे हैं इस समय भी हर खबर बिना कदमों को रोक कर" " रहती है उनकी नजर हर चपे-चपे पर खड़ी हो चाहे हैवानियत उस चपे पर" "देते हैं वह हर खबर निचले से निचले स्तर से पनपते हैं जहां मानवता में असुर ,उस स्तर से" [" जाते हैं वह उस जगह भी जिस जगह होती है इंसानियत पर हावी हैवानियत भी नहीं सोचते हैं वह पल भर भी यह हैवानियत हावी हो सकती है हम पर भी"] By-Lata Sahu #Salute_of_Our_All_Reporters🕴👏 #Think_Deep_Guys🙏