कै बार-बार #समझाणा तू अपने #आसूंआ नै #लकोदे रै, मत ना #दिखावै अपणे #कीमती #जज़्बाता नै #दुनिया कै #स्यामी.... या #दुनिया #फ़रेबी होवै रै, #कमजोर ना #बणन देवै तू #खुद नै.... अपणे #आंसूआ नै #साहस की #माला मै #पिरोदे रै, #विवेक #चहल #सोनीपत #आला बार-बार #समझावै रै.... जै #जीणा #चाहवै सै इस #पापी #दुनिया मै तै #भय नाम की #चीज़ नै तू #अपणे #मन तै #कति #खो दे रै...!!! ✍️विवेक चहल की कलम सै✍️✍️✍️ Chahal ki kalam se...✍️✍️✍️