#PulwamaAttack लाल गुलाब से प्यार बिखेर रहे है पर नफरत के कांटे अभी बाकी तो है। लाल रंगो में प्रेम लिए घूम रहे है पर टुकड़ों में फैले सिपाही और उनके रक्त का कर्ज बाकी तो है। मुस्कुरा रहे है हम पर कुछ भूले नहीं अरे इन हंसी के भीतर वो चीखे बाकी तो है। आज कुछ फूल यादगार हो रहे है सूखकर भी पर उन उजड़े फूलों की सिसकियां अब भी ताजी तो है। टूट रहे है कुछ फूल डाली से मुस्कुराते हुए प्रेम के नाम पर पर नफरतों में टूटे फूलों की कुर्बानी की अदायगी बाकी तो है । मां की सिसकियां, बाप का सहारा, पत्नी का दिल तार तार कर गए अरे वो मासूम जिसने अपने बाप को बाबा तक भी नहीं बुलाया था उनके सीने में उफनती दर्द का समंदर बाकी तो है। जिसके माथे को चूमकर मां ने विदा और जल्द आऊंगा उस बेटे ने वादा किया था अरे उस वादे को तुम पल में गर्द कर गए जो मां बेटे के चिथडो को अब तक दिल में जोड़ रही है उनके कफ़न में तिरंगे की शान बाकी तो है। जिहाद, जिहाद बहुत करते हो तुम अरे थू है तुम पर हैवानियत को जिहाद कहते हो तुम उड़ा दी गाडियां, मिल गई सुकून? नींद तो खूब अाई होगी, करोड़ों आंखो की नींद छीनकर सोचा तोड़ दोगे हमें यू बिखेरकर, पर सब बेकार क्यूंकि टूटकर ये भिस्स अवतार अभी बाकी तो है। कमजोर समझते हो क्या जो बात बार प्रहार करते हो? ना शायद हम इतने ताकतवर है कि तुम डर कर बार बार चोट करते हो। लाख चोट मारो पर टूटेंगे नहीं वो चट्टान है हम लैहपुरूष की धरती है ये, हैवानों से लोहा लेना बाकी तो है। वैसे खौफ पैदा कर पाओ हमेमे तुम्हारी औकात नहीं पुलवामा का दर्द तो है सीने में अब भी पर क्या हुआ तुम्हारा? बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक जो बस ट्रेलर थी उसकी खौफ तुम्हारे सीने में कहीं ना कहीं बाकी तो है। भारत है ये, मां है अपनी,लिपटेंगे बस इससे ही चाहे वो मिट्टी चूमकर हो या मिट्टी में मिलकर पुलवामा का दर्द दे गए तुम पर उसकी काली स्याही से लिखी दर्द की दास्तां के हर शब्द को इंसाफ दिलाने की जंग बाकी तो है। #pulwama #blackday #surgical_strike