मोहब्बत करना सोचने वालों के बस की बात थोड़ी है , ज़रा ग़ौर फरमाइए ... कि मोहब्बत करना सोचने वालों के बस की बात थोड़ी है और जो सीख गया इसे निभाना.. उन्हीं की सलामत जोड़ी हैं । - Anil Makwana #_मोहब्बत_#_सोचने #_गौर #_निभाना #_सलामत और #_जोड़ी