हम तुम रात के पुश्ते ढहने दे सहर लहू में बहने दे नूर धूप को कहने दे रात के पुश्ते ढहने दे सूरज बन तू तारी हो आसमान पर सारी हो कब तक रात की बारी हो अभी सवेरा जारी हो साहिल को भी बहने दे रात के पुश्ते ढहने दे आज नूर से ऐसे सन उजियारे की खुश्बू बन धनक धनक तू ऐसे तन तू धरती और एक गगन आज उफ़क़ को बहने दे रात के पुश्ते ढहने दे रात के पुश्ते ढहने दे सहर लहू में बहने दे नूर धूप को कहने दे रात के पुश्ते ढहने दे @ उफ़क़ के आगे आसमान से ।।। रात के पुश्ते ©Mo k sh K an #उफ़क़_के_आगे_आसमान_से #mokshkan #उदासियाँ_the_journey #Hope #Brightness #positivity #new_day #mkpikb