ख़जालत की परतों को लांघकर तुम ख़ुत्बे के ज़लज़लों में जा रहे हो, या तो बेशर्म हो तुम, या ज़बर्दस्त ज़ाबित-ए-अक्ल कोई। ©Deep Kushin #zabit