ग़म भटकूँ मैं, है हयात मेरी चौराहे पर, होंठ है मेरे अब, मधुशाला की प्याली पर, खड़ी हुँ मैं, वह दरिया किनार पर, सूखी पड़ी हुँ मैं, ख्वाईशें भी है विरान पर... #कविता #khwayishein #indiawomen #nojoto #shabdanchaljharkhand #shandanchal