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मैं #बंधना चाहती हूं.. हमारे प्रेम को रक्षा #कवच स

मैं #बंधना चाहती हूं..
हमारे प्रेम को रक्षा #कवच से..
बिलकुल वैसे ही... 
जैसे सुहागन स्त्रियां बांधती है.. 
#रक्षासूत्र को...
अपने सुहाग की सलामती के लिए 
#वटवृक्ष में....
इसलिए कि जब कोई बुरी नजर
आपकी और मुड़े.. 
तो उस रास्ते में खड़ी #मैं मिलूं..
और वो मुझसे वैसे ही हारकर
उल्टे पैर लौट जाए..
जैसे देवी #सावित्री से यमराज... 
और भेंट में हमारे इस प्रेम को 
दे जाए #वरदान
#अमरत्व का..
#जान..❤️

©Namita Chauhan
मैं #बंधना चाहती हूं..
हमारे प्रेम को रक्षा #कवच से..
बिलकुल वैसे ही... 
जैसे सुहागन स्त्रियां बांधती है.. 
#रक्षासूत्र को...
अपने सुहाग की सलामती के लिए 
#वटवृक्ष में....
इसलिए कि जब कोई बुरी नजर
आपकी और मुड़े.. 
तो उस रास्ते में खड़ी #मैं मिलूं..
और वो मुझसे वैसे ही हारकर
उल्टे पैर लौट जाए..
जैसे देवी #सावित्री से यमराज... 
और भेंट में हमारे इस प्रेम को 
दे जाए #वरदान
#अमरत्व का..
#जान..❤️

©Namita Chauhan