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अकेले ही आया था इतनी दूर, यहां रहने को हूं मजबुर।

अकेले ही आया था इतनी दूर,
यहां रहने को हूं मजबुर।

जनता हूं कि उनको भी मुहब्बत है मुझसे,
फिर भी मै नही उनके जितना मगरूर।

अब तो लोग मुझे दीवाना कहते है,
उनकी वजह से हो चुका हू यहां मशहूर।

अकेले ही आया था इतनी दूर,
आपकी नाराजगी नही है मुझे मंजूर।

करता हू तुझे याद दिन रात अब तो,
मै आशिक़ हूं तेरा नही कोई मजदूर।

अकेले जरूर आया था इतनी दूर,
अब नहीं हू मै मजबूर।
                                                                ~mid_night_poet~ #अकेले_ही_आया_था_इतनी_दूर #pehla_pyaar #mid_night_poet
अकेले ही आया था इतनी दूर,
यहां रहने को हूं मजबुर।

जनता हूं कि उनको भी मुहब्बत है मुझसे,
फिर भी मै नही उनके जितना मगरूर।

अब तो लोग मुझे दीवाना कहते है,
उनकी वजह से हो चुका हू यहां मशहूर।

अकेले ही आया था इतनी दूर,
आपकी नाराजगी नही है मुझे मंजूर।

करता हू तुझे याद दिन रात अब तो,
मै आशिक़ हूं तेरा नही कोई मजदूर।

अकेले जरूर आया था इतनी दूर,
अब नहीं हू मै मजबूर।
                                                                ~mid_night_poet~ #अकेले_ही_आया_था_इतनी_दूर #pehla_pyaar #mid_night_poet