विवेकशील व्यक्ति लोकप्रियता से बचे ,रस न लें। *विवेकशील आदमी प्रतिपल अपने विवेक से जीता है* मैंने सुना है, एक बार एक आदमी को सत्य मिल गया। शैतान के शिष्य भागे हुए शैतान के पास गए और उन्होंने कहा, क्या सो रहे हो, एक आदमी को सत्य मिल गया है! सब मुश्किल पड़ जाएगी। शैतान ने कहा,घबराओ मत, जाकर गांव में खबर कर दो कि एक आदमी को सत्य मिल गया है, किसी को अनुयायी बनना हो तो बन जाओ। शैतान के शिष्यों ने कहा, इससे क्या फायदा होगा; हम ही प्रचार करें? शैतान ने कहा कि मेरे हजारों साल का अनुभव यह है कि अगर किसी आदमी को सत्य मिला हो और उस आदमी को और उसके सत्य को खत्म करना हो तो अनुयायियों की भीड़ इकट्ठी कर दो। तुम जाओ, गांव-गांव में डुंडी पीट दो कि किसी आदमी को अगर सत्य गुरु चाहिए हो तो सत्य गुरु पैदा हो गया है। तो जितने मूढ़ होंगे वे भाग कर उसके आस-पास इकट्ठे हो जाएंगे और एक बुद्धिमान आदमी हजार मूढ़ों के बीच में क्या कर सकता है!