आई होंगी किसी संजय सोरेन के दिमाग में आकर सोच के रास्ते वहां तक जहां तक सोचे, मुझे अपने बाप की बेइज्जती का बदला लेना है संजय सोरेन भाई,ठीक है बहन,मयंक रस्तो गी के दिमाग से होकर गुजरो ,वही पत्रकारिता के माध्यम से तुम्हे इंसाफ मिलेगा बहन ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें। 💐 ♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की। ♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।