आंखे बोझिल है और जख्म का निशान भी है। कुछ सफर है और कुछ सफर की थकान भी है।। ये न सोचो कि तुम्हारा रास्ता सिर्फ मैंने देखा है। तुम्हारा इंतजार में बैठा ये मेरा मकान भी है ।। तुम्हारे नाम से ही जानते है अब लोग मुझको। तुम्हारे नाम से तुम्हारी नहीं मेरी पहचान भी है।। तुम्हारे बिना ये जो जिंदगी हो गई है मेरी। यही मेरा नतीजा है और इम्तिहान भी हैं।। #NNN #pehli_dafa