सतां सद्भिः सङ्गः कथमपि पुण्येन भवति।। अर्थात् - सज्जनों का सज्जनों के साथ सङ्ग बहुत ही पुण्य से होता है। The association of gentlemen with gentlemen is done with a lot of virtue. ©Vimal Pandey Jyotishi ji #Sanskrit #devguruji #hills