लहेरो के थपेड़ो से पत्थर को भी प्यार हुआ वो कागज़ की गहराई में लफ्ज़ों का चमत्कार हुआ में रहते बहते सागर के साहिल को छू के हस दिया वो बारिश भी कुछ और थी अश्को का इंतकाल हुआ में जाने ही वाला था साँझ-ए-तसव्वुफ़ राह में वो तस्वीरों की तोहमत से में कातिब कर्ज़दार हुआ अब माफ़ करने से भला कोई छूटता मिटता नही में साथ तेरे हो गया तु आशिक-ए-ग़द्दार हुआ #dharmuvach✍ वक़्त रोकना चाहा था... #चाहाथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #dharmuvach #dharm_desai #silent_sinner #dharmdesai