अल्फाज़ मेरे वो गुनगुना रही है बेख़बर मेरी मोहब्बत से नाम मेरा लिए जा रही है सुबह ही तो यारों ने कंधा दिया था फिर क्यूँ दुबारा जीने की ख्वाहिश जाग रही थी आंखों से वो कहीं गुम थी मेरी चौखट पर वो भी रोई थी उसे क्या पता जनाज़ा निकल चुका था खैर, उसके हाथ में जो गुलाब था मेरे अब भी काम आने वाला था #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqshayari #yqhindishayari #yqurdu #hindi #merajanaja