उसके चौखट को चूमने लगा सहसा एक नया एकाकीपन महसूस हुआ सब खुले द्वार पर मानको के विपरीत आलिंगन हुआ दरमियां गले हाथो में हाथ मधुमास विस्मृत हुए सारी बातें गुफाओं का सन्नाटा इस उजाले ने हमे अपनी तल्खियो से बांटा मेरे बीच दूरियां वही पुराने किस्से मै बदहवास था लग रहा था आज भी मै उसके पास था हवाओ की सिरहन अधूरी कहानियों का झोका एक एक पल किसी ने हर कही पर रोका मगर प्यार आज अक्षरों सा अधूरा,खामोश,तिरछा नग्न हो गया वो तल्खियां,अधूरापन, मुझे हताश कर रहा..! #प्रेमरस