दोहा रहिमन विपदा हु भली, जो थोरे दिन होय | हित अनहित या जगत में, जान परत सब कोय | अर्थ यदि संकट कुछ समय की हो तो वह भी ठीक ही हैं, क्योकी संकट में ही सबके बारे में जाना जा सकता हैं कि दुनिया में कौन हमारा अपना हैं और कौन नहीं| (मेरे राम) ©Himanshu Tomar #दोहे #रहीम #विपदा #जगत #कौन #who #truth #MerryChristmas