चंद रोज़ पहले की बात है, वक़्त तन्हा था, और हम अकेले, मुलाक़ात हुई, दिलों की बात हुई, पर मेरे पूछने पर मेरी दुश्वारियों का सबब, वक़्त शर्मिंदा था। #दिल_की_बात ,#myinnerperspective