बदन बदन की जरुरत से मार डाला गया, जो बचा वो तुम्हारी तृष्निगी से मार डाला गया ! वो हमारे दिल -ए - मोहब्बत से रुक्सत ना हो सके, हमें तो नजरो से भी उतरा गया । हम हाथ में लेके फिरते रहे उनके नाम करने को दिल, फिर हमें दिल - ए- दर्द से भी मार डाला गया । - ब्रजराज सिंह (beeje) please read it nd hit like #beejegalleryseries #beeje #alfaaz_bb #shikohabad #hindi #hindishayri #sad #poetry