मेरे प्रेम में हो मेरे दर्द में हो अकेलेपन में हो तो भीड़ में भी तुम ही हो "अभी" हो,अभिनय हो कभी सुर तो कभी लय हो आँचल से जो पंखा करती गोद सुला कहानियां गढ़ती मेरे हर सांसों में सिमटी भय से पहले निर्भय हो। हिंदी, तुम मेरी माँ हो तुम्हारी सर्वदा जय हो, जय हो, जय हो। 📝अभिषेक सिंह। ##nojotolove #nojotohindi #nojotohindidiwas #nojotopoetry