में तुम्हारी यादों मे गुम हूं तुम अपनी खुशियां लुटाना याद आये मेरी तो गम न करना हस के दिन गुजारना जो ना हो अपनी किस्मत में उसे खोकर क्या पछताना भुला के तुम मेरी यादों को अपने सुहाने सपने सजाना अगर रूठ जाओ कभी तो इतनी कोशिश जरूर करना किसी और से उम्मीद ना रखना तुम खुद को मना लेना अब मेरा कोई हक नहीं रहा हैं तुम पर ये बात जताना कोन कहेगा तुम्हें मेरे बिना की जानम जरा मुस्कुराना होकर मेरी जिंदगी से दूर तुम भी बनाना आशियाना मैं भी लिखूंगा ऐसी कहानी की याद करेगा ये जमाना दस्तूर है ये दुनिया का मोहब्बत करने वाले को सताना वरना हमे कहा मंजुर था इस कदर ये जुदाई का फसाना ©Sukhram Solanki 👉https://bit.ly/3jupvvW👈 #SukhramSolanki