चाहती हूँ कुछ इस तरह मिले मुझे तुम्हारा प्रेम जैसे सावन में धरा को मिलता है मेघों का पूर्ण समर्पण, तब निखर आता है एक नया सौंदर्य जलाच्छादित वसुंधरा का सागर न होकर भी अथाह जलराशि से भर इठलाती है अपने जलीय रूप पर, मैं भी चाहती हूँ वैसा ही गौरवमय क्षण समाकर तुम्हें स्वयं में सिमटकर तुम में...! 🌹 #mनिर्झरा 13/10/2020 #yqlove #feelings #kavita #love #श्रृंगार_रस #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं