हर तरफ है तन्हाई अभी उड़ रहें हैं प्राण घर बन रहें हैं कंक्रीट के मकान दुःख का मौसम है छाया है मातम इस जहाँ में अभी तुम सिर्फ अहसास बन कर साथ रहो न अभी तुम राधा बन कर साथ रहो न। गुजर जाने दो स्याह भरी रात हो जाने दो सुबह गुलजार घुल जाने दो खुशी हर मन में उदास मौसम के कांटे को गुलाब बन कर खिल जाने दो, तब तलक तुम सिर्फ अहसास बन कर साथ रहो अभी तुम ख्वाब बन कर साथ रहो न। खो गए स्वाद जहाँ से गायब हो गए है गन्ध सारे आ जाने दो भीनी भीनी खुशबू वापस तब तलक तुम अहसास बनकर साथ रहो न अभी तुम राधा बनकर साथ रहो न। ©Vikram Prashant "Tutipanktiyan " अभी तुम राधा बनकर साथ रहो न #तुतिपंक्तियाँ #tutipanktiyan #Tutipanktiyan #vikram_prashant #nojotohindi #NojotoFilms #Rose