अब मुझे फ़र्क पड़ता नही किसी बात का। मैं समझने लगा हूं सारी सबब हालात का। इंतज़ार और इंतज़ार बस अब हद ही गई। अब चाहत ही नहीं होती है मुलाकात का। दिल ए खस्ता को शब भर बेकरार देखा। हमसे बेहतर क्या जानोगे किस्सा रात का। मिलना तो नसीब नहीं पर बिछड़ते रोज है। देखता हूं रोज तमाशा उसकी करामात का। देखिए यही जय की देखने को अब क्या है। कैसे होती है पल भर में कत्ल जज़्बात का। ©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri" अब मुझे फ़र्क नहीं पड़ता #mjaivishwa #Love #Broken💔Heart #bestshayari #bestgazals