मोहब्ब्त चाही तो ना थी ऐसी,मगर फिर भी तूने ऐसी बनादी, कि जहां बोलना था सच तुझे, वहां हमारी खातिर तुमने हर बात झूठी बता दी, मगर ना जाने क्यों तेरा ज़िक्र ज़ेहन से जाता नहीं है, नहीं आती ऐसी कोई सुबह और शाम जब नाम तेरा ज़ुबां पर आता नहीं है, कान्हा तो भगवान थे, वो राधा जी से झूठ बिना मतलब के बोला करते थे, तुम बताओ ना मैं तुम्हे क्या समझूं, जो तुम सुबह शाम मेरे सामने बस झूठ के पिटारे खोला करते थे। ©NEHHA RAGHAV #Kanhaiyaa #Radhye #Jhuthii #Nightquot #Krishna